गुरुवार, फ़रवरी 11, 2010
सबकी है मुंबई
मुंबई किसकी यह सवाल पूछना बेमानी है। इसका यह मतलब निकाला जा सकता है कि इस पर शक है. लेकिन हमें इसपर कोई शक नहीं होना चाहिए कि मुंबई सबकी है, देश की है, देशवासियों की है. ठाकरे परिवार या किसी राजनीतिक पार्टी की जागीर नहीं है.
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