दो शब्द
पता नहीं जनरल साहब किस प्रकार का लोकतंत्र पाकिस्तान में चाहते हैं... लगता है उनकी शासन करने की मानसिकता सैन्य संचालन की तरह ही जिंदा है। लेकिन जनरल साहब को समझना होगा की यह सेना संचालन जैसा नहीं है। यहां अलग-अलग ख्याल के लोग है, जाहिर है अनुशासन का तरीका भी अलग होगा। समझिए जनरल साहब नहीं तो पाकिस्तान की जनता शायद समझा दे।
अब खबर
पाकिस्तान की मीडिया ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा आपातकाल के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ संघर्ष करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है।
आपातकाल के दौरान निजी समाचार चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है, ऐसे में पत्रकारों ने अपनी आवाज जनता तक पहुंचाने के लिए नए उपाय निकाले हैं।
पत्रकारों जिन कार्यक्रमों का प्रसारण पहले स्टूडियों में बैठ कर करते थे, अब उन्होंने ऐसे कार्यक्रम सड़क, चौपालों में करने शुरू कर दिए हैं।
डॉन न्यूज के सम्पादक जफर अब्बास कहते है कि प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब वे अपनी आवाज जनता तक पहुंचाने के लिए सड़कों पर आ गए हैं। पाकिस्तान प्रेस क्लब के बाहर ऐसे ही कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिनमें दर्शक सीधे तौर पर पहुंच रहे हैं।
ऐसा ही एक शो जियो टीवी के प्रस्तोता हामिद मीर द्वारा किया गया जिसमें पूर्व क्रिकेटर और राजनीतिक इमरान खान ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में जनता ने बड़े उत्साह से भाग लिया और खान से सवाल पूछे।
जियो, एआरवाई दुबई से अपलिंकिंग सुविधा हटाएंगे
पाकिस्तानी सैन्य शासन के दबाव में प्रसारण पर प्रतिबंध झेल रहे एआरवाई तथा जिओ टीवी चैनल सैटेलाइट सिग्नल अपलिंकिंग सुविधा दुबई की मीडिया सिटी से हटा कर लंदन या सिंगापुर स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं।
एआरवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलमान इकबाल ने बताया कि पिछले 22 दिनों में उन्हें 80 लाख डालर का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्हें डर है कि ऐसा दोबारा हो सकता है।
दुबई मीडिया सिटी ने दो लोकप्रिय पाकिस्तानी चैनलों का प्रसारण पाकिस्तान सरकार के कहने पर बंद कर दिया था। मीडिया सिटी के अधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय संयुक्त अरब अमीरात की तटस्थता और हस्तक्षेप नहीं करने की नीति के अंतर्गत लिया गया।
जिओ न्यूज के अधिकारियों ने बताया कि वे भी प्रसारण अपलिंकिंग सुविधा दुबई के बाहर ले जाने पर विचार कर रहे हैं।
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